सोमवार, 7 मार्च 2016

shivatv

चल मन शिवत्व की ओर-महा शिव रात्रि का दिन शिव की पूजा का दिन | शिव की पूजा से पूर्व शिव के अर्थ और उन प्रतीकों के अर्थ को जान लेना चाहिए | शिव का अर्थ है लोक कल्याण | शिव लोक मंगल के देवता है | शिव के सारे  प्रतीक लोक मंगल के अमृत रस से भीगे है |  इस अमृत रस का पान वर्तमान के लिये अपेक्षित है | शिव की जटाओ में गंगा पवित्रता की ओर संकेत करती है |शुभ संकल्पों से मन को पवित्र करे और फिर राष्ट्र देवता को समर्पित हो | स्वार्थ परक क्षुद्र राजनीति को त्याग कर लोक हित का संकल्प धारण करना -यही वर्तमान से अपेक्षा हैं शिव के मस्तक की शोभा हैं चंद्रमा जो शीतलता का प्रतीक हैं | कैसी भी परिस्थिति हो स्वभाव  में उग्रता उचित नही है विशेषत: राजनीति  के क्षेत्र में जहां अनेक विरोधी तत्वो में सामंजस्य स्थापित करना होता हैं | स्वभाव में उग्रता से वाणी का विचलन हो जाता हैं बाद में व्यर्थ का वाद-विवाद होता हैं सारा विकास कार्य रुक जाता है | शिव त्रिनेत्र हैं जो विवेक का प्रतीक हैं लोक कल्याण को  ध्यान में रख कर सत्त-असत में अंतर करके निर्णय लेना ही विवेक है |दॄष्टि अपरिमित वर्ग के कल्याण पर होनी चाहिए यह श्रेष्ठ राजनीति की विशेषता है | शिव नील कंठी  है उन्होंने लोक  कल्याण के लिए विषपान किया | सफल नेतृत्व वही हैं जो सारी विषमताओं के जहर को पी कर  नव-निर्माण  कीबात करे | सर्प् विरोधी  तत्वो के प्रतीक है | शिव भस्म रमाते हैं अर्थात् वीत रागी है वैराग्य भावना हैं वर्तमान से यही अपेक्षा है शिव सिर्फ़ मृगछाला धारण करते हैं यह व्यक्तित्व की पारदर्शिता का प्रतीक है | राजनीति में ऐसा ही व्यक्तित्व चाहिए | शिव का नंदी धर्म का प्रतीक हैं धर्म वो जो नीति विवेक पर आधारित हो :जो अपरिमित वर्ग के कल्याण की भूमि पर आधारित हो  |पार्वती शिव की शक्ति है यह आत्मिक शक्ति  का प्रतीक हैं गणेश विघ्न विनाशक हैं |कर्त्तिकेय सेना के प्रतिनिधि है |वर्तमान से इन सब की अपेक्षा है | रे मन शिव की पूजा से पहले शिवत्त्व की ओर चल | शिवत्व ही शिव है-चल मन  शिवत्व की ओर | शिव रात्रि की शुभ कामना