भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
इस धरा पर जन समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
इस धरा पर जन समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
इस धरा पर जन समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
इस धरा पर जन समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
इस धरा पर जन समता समर्पित
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इस धरा पर मानवी समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
इस धरा पर मानवी समता समर्पित
इस धरा पर जन समता समर्पित
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भारत >>भारत देश है मेरा-- भाग -2| > भारत के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छ्टा के कारण को भारत को विश्वसरोवर में सौरभमय अरविन्द कहा गया है | भारत को इतना सुंदर् रुप देने में उसके तीनों ओर बिखरी जल राशि है | यदि मानचित्र को देखे तो ऐसा लगता है मानो समुद्र की गोद मे भारत स्थित है भारत के तीनों ओर समुद्र है |पूर्व में बंगाल की खाडी पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंदमहासागर है | गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है | इसके औषध -गुण तो है ही | इसका आध्यात्मिक महत्त्व बहुत है | इसको पीने मात्र से ही रोग और पाप धुल जाते है | गंगा स्नान हर पर्व पर करना भारत की आध्यात्मिक परम्परा है |लेकिन गंगा दूस्र्रो के पाप धोते - धोते मैली होती जा रही है यमुना नदी भी भारत की महत्त्व पूर्ण नदी है | कृष्ण के जन्मोत्सव आनंद इसने देखा इसने कृष्ण की लीलाओ का सुख भी इसने भोगा है | सिंधु : नर्मदा : ब्रह्मपुत्र : कृष्णा : कावेरी गोदावरी : चंबल सतलज व्यास नदियां भारत को सौन्दर्य प्रदान कराती है | भारत में अनन्त प्राकृतिक सम्पदा है लेकिन इसके दोहन की कला सही नही है || इसके कई कारण है >इसमे कमजोर मानवीय संसाधन प्रमुख है धरती माँ का आँचल सबको समान रुप से शीतल छाया देता है जो कुछ भी उसके भीतर है बाहर है वो सबका है लेकिन उसके संसाधनों का समान बँटवारा नही हो रहा है | आज विवेक पूर्ण सोच की आवश्यकता है |
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