बुधवार, 29 अप्रैल 2015

vichar

 एक विचार -  सहज नही है किसी भी व्यवसाय को करना क्योकि हर कार्य और व्यवसाय मे दायित्व और तनाव दोनों होते है | जब हम  कार्य शाला में जाते है तो वहां अनेक प्रश्न  अनेक समस्याओं का जंगल होता है जिनका समाधान करने की पगडंडी भी वहींसे निकलेगी  आप किसी भी व्यवसाय के प्रशासनिक क्षेत्र की इकाई में होते है  |  तो आप को महसूस होगा कि आप अकेले है  ;   आपके सहयोगी कितने आपके साथ है  यह भी आप नही जान पाते | ऐसे में हमे अपने भीतर निर्णय लेने की क्षमता को विकसित  करनी  होगी | इसके साथ  ही  आपका  कौशल सक्षम होना चाहिए जो हर चुनौती का सामना कर सके | प्रबंधन के साथ प्रशासन का चातुर्य भी हो | प्रबंधन और प्रशासन  का चातुर्य हर क्षेत्र में अनिवार्य है | चाहे चिकित्सा -क्षेत्र हो चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या तकनीकी क्षेत्र हो  कई बार ऐसा देखा गया है   कि प्रबंधन और प्रशासन में समन्वय नही होता इससे अव्यवस्था और तनाव होता है | विभिन्न विभागों मे   अधिकारियों की नियुक्ति करना ;कार्य विभाजन करना प्रबंधन है | विभिन्न विभागो में कार्य सही हो रहा यह देखना और उसके अनुसार निर्णय लेना आवश्यक है | जब हम किसी भी कार्य क्षेत्र में उतरते है तो निजी हितों को छोड़ना पड़ता है जब हम किसी पद पर है तो पदेन अनेक दायित्व जुड़ जाते है | जिस कुर्सी पर हम बैठे हैवहां एक रोशनदान है जहां से अनेक आँखें देख् रही है  काम तो सही होना ही चाहिये | कौन सा व्यवसाय आराम वाला है यह सोच उचित नही है  यह सोच् व्यवसाय का चयन  करने के बाद खत्म हो जानी  चाहिए ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें