प्रकृति में संगीत है लय है | रिमझिम रिमझिम जैसा वाद्य है | इसी की प्रेरणा से कवि की लेखनी से अक्षर रंग लेते है और मानस में राग जगाते है और फिर अलौकिक शक्ति का आभास होता है-- प्रिय की छवि आनन-आनन में
द्वार द्वार में मन्दिर अनुपम |
राग राग में प्रिय की सुमिरन
गीत गीत में उसका वंदन |
साँसो में प्रिय की पुकार के---
क्रन्दन का बोझिलापन है |
जब तक प्रिय का विरह चिरन्तन-
तब तक गीत लिखे जायेंगे
प्रात: वंदन के साथ ------------
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