बुधवार, 9 अप्रैल 2014

raam

कामही नारि पिआरि जिमि लोभही प्रिय् जामि दाम
तिमि रघुनाथ  निरंतर  प्रिय लागहु   मोहि   राम > भगवान राम भारतीय जनमानस में व्याप्त आदर्शतम चेतना के प्रतीक है |राम शब्द का अर्थ है जो रमण करता है|  जो जन जन के हृदय में व्याप्त है | राम शक्ति .शील तथा सौन्दर्य के आगर है | राम  के स्वरुप को यद्यपि रेखाओं  में बाँधना : शब्दों में व्यक्त करना सम्भव नहीं है |तथापि लोक मंगल के लिये  शब्दों  में उतरना पड़ता  है   
  राम  शक्ति के अनन्त स्रोत है | उनके बाण रावण जैसअत्याचारी और बाली जैसे व्यभिचारि को मारने में सादा समर्थ है 
जैसा राम की शक्ति सात्विक भाव से प्रेरित है | राम का रावणवध दानवता पर मानवता की विजय है राम मर्यादा पुरूषोत्तम है |जिसके प्रति जैसा व्यवहार उचित है वैसा ही करना उचित है राम अपरुप सुन्दर है |   में शक्ति शील सौंन्दर्य का अद्भुत समन्वय है |मानवता में देवत्व देवत्व में मानवत्व की अवतारणा रामके चरित्र में है |ऐसे राम हमारी रक्षा करे |
    मामभि रक्षय  रघुकुल नायक धृत बर चाप  रुचिर कर सायक                                                                                                                                                                                                  

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