कामही नारि पिआरि जिमि लोभही प्रिय् जामि दाम
तिमि रघुनाथ निरंतर प्रिय लागहु मोहि राम > भगवान राम भारतीय जनमानस में व्याप्त आदर्शतम चेतना के प्रतीक है |राम शब्द का अर्थ है जो रमण करता है| जो जन जन के हृदय में व्याप्त है | राम शक्ति .शील तथा सौन्दर्य के आगर है | राम के स्वरुप को यद्यपि रेखाओं में बाँधना : शब्दों में व्यक्त करना सम्भव नहीं है |तथापि लोक मंगल के लिये शब्दों में उतरना पड़ता है
मामभि रक्षय रघुकुल नायक धृत बर चाप रुचिर कर सायक
तिमि रघुनाथ निरंतर प्रिय लागहु मोहि राम > भगवान राम भारतीय जनमानस में व्याप्त आदर्शतम चेतना के प्रतीक है |राम शब्द का अर्थ है जो रमण करता है| जो जन जन के हृदय में व्याप्त है | राम शक्ति .शील तथा सौन्दर्य के आगर है | राम के स्वरुप को यद्यपि रेखाओं में बाँधना : शब्दों में व्यक्त करना सम्भव नहीं है |तथापि लोक मंगल के लिये शब्दों में उतरना पड़ता है
राम शक्ति के अनन्त स्रोत है | उनके बाण रावण जैसअत्याचारी और बाली जैसे व्यभिचारि को मारने में सादा समर्थ है
जैसा राम की शक्ति सात्विक भाव से प्रेरित है | राम का रावणवध दानवता पर मानवता की विजय है राम मर्यादा पुरूषोत्तम है |जिसके प्रति जैसा व्यवहार उचित है वैसा ही करना उचित है राम अपरुप सुन्दर है | में शक्ति शील सौंन्दर्य का अद्भुत समन्वय है |मानवता में देवत्व देवत्व में मानवत्व की अवतारणा रामके चरित्र में है |ऐसे राम हमारी रक्षा करे |मामभि रक्षय रघुकुल नायक धृत बर चाप रुचिर कर सायक
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें