भारत देश है मेरा --सागर चरण पखारे गंगा सीस चढ़ावे नीर
मेरे भारत की माटी है चन्दन "औ " अबीर > वस्तुतः प्राकृतिक दृष्टि से भारत अत्यन्त सुन्दर देश है इस की वंदना करते हुए कवियों की वाणी नहीं थकती .>ओ मेरे भारत की माटी चन्दन गन्ध भरी रे इसका वंदन करे| सूर्य की किरण सुनहरी लालिमा के साथ इसके आँगन में रंगोली सजाती है |हिमालय मेरे भारत का मुकुट है सागर इसकी चरण वंदना करता है नदियां इसको मौक्तिक हार से सजाती है बादल इसका अभिषेक करते है छ:ऋतुएं रंगोली में रंग भरती है और उसको दीपों से सजाती है भारत के आँगन में धर्म की विजय पताका लहराती है | अनेकता में एकता भारत की विशेषता है |सर्वं धर्म समभाव की गूँज भारत के कण -कण में है | अपनी इस सुन्दरता के कारण ही भारत विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र रहा | भारत माता का चीर हरण ने करने का कई बार प्रयास किया गया है लेकिन द्श्मन को सफलता नहीं मिल पायी | इस लेख में भारत के अनेक पक्ष रखने का प्रयास होगा
सोमवार, 21 अप्रैल 2014
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