सोमवार, 21 अप्रैल 2014

 भारत  देश है  मेरा --सागर  चरण  पखारे  गंगा सीस चढ़ावे  नीर         
                                     मेरे  भारत  की  माटी है चन्दन   "औ " अबीर   >                                                    वस्तुतः  प्राकृतिक  दृष्टि से भारत  अत्यन्त  सुन्दर  देश  है इस की  वंदना करते   हुए  कवियों की वाणी नहीं  थकती  .>ओ मेरे  भारत  की माटी चन्दन  गन्ध भरी रे इसका वंदन करे| सूर्य की  किरण सुनहरी लालिमा के साथ इसके आँगन में रंगोली सजाती है |हिमालय मेरे भारत का मुकुट है सागर इसकी चरण वंदना करता है नदियां इसको मौक्तिक  हार से सजाती है बादल इसका अभिषेक करते है छ:ऋतुएं रंगोली में रंग भरती है और उसको दीपों से सजाती है भारत के आँगन में धर्म की विजय पताका लहराती है | अनेकता में एकता भारत की विशेषता है |सर्वं धर्म समभाव की गूँज भारत के कण -कण में है | अपनी इस सुन्दरता के कारण ही भारत विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र रहा | भारत माता का चीर हरण ने करने का कई बार प्रयास किया गया है लेकिन द्श्मन को सफलता नहीं मिल पायी  | इस लेख में भारत के अनेक पक्ष रखने का प्रयास होगा                                                  

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