शनिवार, 14 जून 2014

desh nahi jhukane doogaa

परम् आदरणीय प्रधानमंत्री  आपने कार्यकाल के थोड़े समय में जिस  तरह की सक्रियता दिखायी है वस्तुत; सराहनीय है कम पानी में किस प्रकार की फसल हो सकती है यह सोच अच्छी है | समय रहते हुए भविष्य की योजना पर विचार करना ही चाहिए | हर क्षेत्र में आप के द्वारा दी-  जाने वाली प्रेरणा व्यक्ति की कार्य क्षमता को तो बढ़ाती है साथ में यह पुरस्कार भी है आज आपको आईएनएस विक्रमादित्य को देश को समर्पित करते  देखा बहुत अच्छा लगा देश के जवानों का कितना मनोबल बढ़ा होगा | सैन्य शक्ति मज़बूत होनी चाहिए जिससे हमारे विश्वशांति के संदेश को  कोई  कायरता ना समझे  आपकी ही कविता के बोल -"में देश नही झुकने दूँगा ----- अच्छे लगे थे |इसी प्रकार  का भाव मेरे मन में भी है जो आपकी सेवा में प्रस्तुत है  -------------------------
                                             पुत्र तेरे हम सहोदर साथ
                                            गंध मिट्टी लगी है माथ
                                            एक उपवन के खिले है फूल-
                                            एक होकर ही उठेंगे  हाथ
                                             लौह बन कर हम करेंगे शत्रु के
                                            चुनौती के स्वरों का प्रतिकार
आपकी कार्यशैली ;निर्णय  लेने की  क्षमता अद्भुत है |                         आशा भटनागर श्री गंगानगर राजस्थान
  

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