रविवार, 30 मार्च 2014

navratre

  भारत की सांस्कृतिक परम्परा के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल प्रतिप्रदा से नवसम्वत्सर का आरम्भ होता है यही भारत का नववर्ष है |
यही  विक्रमसम्वत् है |चैत्र मास की शुक्ल प्रतिप्रदा का आध्यात्मिक दृष्टि  विशेष महत्त्व है |श्री राम का जन्म हुआ था | ऐसा भी माना जाता है कि  इसी मास की प्रतिप्रदा में विष्णु  ने मत्स्यावतार लिया था |
 चैत्र नवरात्रि को देवकार्य निमित्त भगवती जगदम्बा ने पर्वतराज हिमालय घर जन्म लिया था | इस प्रकार चैत्र मास के नवरात्रि देवी का जन्म -उत्सव है |सत्य शील सौंन्दर्य के आगार श्री राम के जन्म के कारण प्राकृतिक सौन्दर्य आध्यात्मिक सौंन्दर्य में बदल जाता है|इस दिन चेटीचण्ड का उत्सव मनाया जाता है ऐसे पावन दिवस पर पवित्र संकल्प के साथ के मंगल दिवस की स्थापना करे |          
                       जय भगवति देवि नमो वर दे 
                             जय पाप विनाशिनि बहुफल दे 
                        जय चन्द्र दिवाकर नेत्र धरे 
                                प्रणममि तु देवि नार्ति हरे

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