शिक्षक दिवस पर प्रधान मंत्री को छात्र-छात्राओं के मध्य देखकर अच्छा लगा | सारे वातावरण में आत्मीयता का रंग था | लग रहा था प्रधानमंत्री नही अपितु उनका कोई संरक्षक बोल रहा है या फिर बहुत बड़ी क्क्षा में अनुभवी शिक्षक बोल रहा हो जिसने शिक्षा मनोविज्ञान का गहराई से अध्ययन किया हो अपने भावों को सरस वातावरण मे प्रस्तुत किया | तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ पुस्तक अध्ययन पर बाल दिया |स्वाध्याय शिक्षा का मह्त्त्व पूर्ण अंग है जिसको आज कल भूलाया जा रहां है | आजकल गाइड पर आधारित ज्ञान दिया जाता है बच्चे प्रश्नों के उत्तर रट लेते है text book पर उनका ध्यान कम ही होता है अत; प्रधान मंत्री का स्वाध्याय पर जोर देना उचित है | अपने जीवन के मधुर क्षणों को बच्चो में बाँट कर वातावरण रसासिक्त कर दिया | बच्चो के प्रश्नों के उत्तर सहज रुप में दिए |प्रधान मंत्री और बच्चो के मध्य ऐसी स्वस्थ अंत;क्रिया कई वर्षो बाद देखने को मिली है || प्रधान मंत्री के द्वारा बच्चों के साथ अंत: क्रिया करना देश के भावी नागरिक को तैय्यार करने की ओर बढ़ता कदम है इसे राजनीति के परिप्रेक्ष्य में नही देखना चाहिये |इससे शिक्षक की गरिमा कम नही हो सकती | शिक्षक की अपनी गरिमा है जिसका निर्वाह एक अच्छा शिक्षक करना जनता है | शिक्षक की कलम में बहुत शक्ति होती है |
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