सोमवार, 8 सितंबर 2014

saksharta

चूनर  ऐसी  भेजना रे  बाबुल जिसमें क ख ग के सितारे जड़ें हों
कॉपी स्लेट ऐसे भेजना रे बाबुल जिसमे अ आ इ लिखा हो रे बाबुल
पतियाँ मैँ तेरी बांच ना सकूँ रे बाबुल लालटेन मुझे भेजना रे बाबुल
में पतियाँ  तुझे  कैसे लिखूँ रे बाबुल डस्टर [झाड्न] चॉक भेजना रे बाबुल
                         यह माँग है उस बालिका की जो आगे बढ़ना चाहती है पढ़ना चाहती है |
 साक्षरता दिवस पर बेटी बचाओ बेटी पढाओ का संकल्प लेकर सन्तति संस्कृति की संरक्षिका के हाथों में चेतना की मशाल थमाये

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