मंगलवार, 2 सितंबर 2014

शिक्षक दिवस पर विशेष- अनुभव के पृष्ठों को आधार बनाकर कलम यह लिखना चाहती है कि शिक्षक होना गर्व की बात है |यदि किसी शिक्षक को अपने विषय का पूरा ज्ञान है और तथ्यों को  अभिव्यक्त करने की क्षमता  है तो इससे अच्छा व्यवसाय और कोई नही | शिक्षा का दान महादान है शिक्षक ऐसा दान करके दिव्य पुण्य अर्जित करता है फिर ज्ञान बाँटने से और बढ़ता है एक अच्छे  शिक्षक को विद्यार्थी ईश्वर के समान  पूजते है | प्रश्न यह है कि कितने प्रतिशत लोग इस व्यवसाय को गम्भीरता से लेते है | भारत की नयी पीढ़ी ग्लैमर पसंद करती  है ऐसा ही व्यवसाय पसंद करती है फिर विदेश जाने अभिलाषा तीव्र होती जारही है इस प्रकार  के व्यवसाय में पैसा तो मिलता है लेकिन तनाव भी मिलता है  शैक्षिक व्यवसाय में भी धनार्जन के अनेक द्वार खुले गए है | शिक्षा में नयी तकनीकी का विकास हुआ है |अनुसंधान  अन्वेषण के भी विकल्प  है | बात है जिज्ञासा  की |  शिक्षक व्यवसाय से जुड़ने वाले विभिन्न लोग है  पहले वो जो  उच्च महत्वाकांक्षी होते है | उच्च पद  प्राप्त करने के इच्छा रखते है किन्तु प्रयास  करने के बाद भी जब उनका चयन नही होता तो विवश हो कर इस व्यवसाय में आते है निराशा के भाव से कार्य करते है कुछ ऐसे भी है जो मात्र वेतन में रूचि रखते है जैसे चल रहा है वैसे ठीक है | शिक्षक बनने का संकल्प लेना आसान नही है  शिक्षक बनने से पूर्व ज्ञान  की कसौटी पर अपने को कस लेना चाहिए |आत्म चिंतन करना चाहिए | शिक्षक एक कालांश में लगभग 60 विद्यार्थियों का  भविष्य तय करता है यह उस का नैतिक दायित्व है कि विद्यार्थियों की जिज्ञासा शमन करे | शिक्षक अपना और अपने व्यवसाय का सम्मान करे |उसे गर्व होना चाहिए कि वह् देश के भविष्य का निर्माता है | समाज उसके ज्ञान के प्रकाश को आगे बढ़ कर नमन करेगा |यह कलम सभी शिक्षको सम्मान देते हुए शिक्षक दिवस पर शुभ कामना देती है 

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