शनिवार, 9 अगस्त 2014

9a 1944

वन्दन का यह दीप समर्पित करते तुमको | श्रद्धा का यह गीत समर्पित करते तुमको ||
                            यह वन्दन 9अगस्त1942 के भारत छोडो आन्दोलन में शहीद हु़ए वीरों के लिए है || ऐसे नीव के प्रस्तरो  के लिए वैख्ररी का यह भाव  समर्पित है|    
                               बहिनें रोली तिलक लगाती :
                               दो आँखें  आँसू  बरसाती |
                               माँ अपने कम्पित हाथों से 
                               निज दुलार को पथ दिखलाती 
                               मातृभूमि के अ‍ॅचल में   चिर-
                               निद्रा में  सोता   बलिदानी |  
                                     जब तक अमर ज्योति जगती है |
                                     तब तक गीत  लिखे   जायेंगे || 
                             

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