सुंदर है भारत मेरा -- ओ मेरे भारत के माथे सुंदर मुकुट विराजे |
इसको नमन करें||
भारत माँ का मुख रे उज्ज्वल चंदा - सा दमकावै |
झलमल हीरों की माला सा गंगाजल झलकावै ||
रे भइया इसको नमन करें ||
छ:ऋतुएं अप्सरियों- सी सतरंगी साड़ी पहने |
नर्त्तन करतीं आतीं पहने नव फूलों के गहने ||
रे--------------------------||
फूलों की घाटियॉ खगों के कलरव से भर जातीं |
गाते मेघ मल्हार ; कोकिला पंचम स्वर में गाती ||
रे------------------------------||
गेहूँ की बालियॉ ज्वार मक्का के दाने झरते ||
खेतों में रंगों -गंधों के वैभव सपने भरते ||
रे-------------------------||
पर्वों की धरती यह -होली फाग सुनाती आवै |
दीपो की माला से अम्बर को ललचाती जावै ||
रे----------------------------- || राष्ट्र को समर्पित
इसको नमन करें||
भारत माँ का मुख रे उज्ज्वल चंदा - सा दमकावै |
झलमल हीरों की माला सा गंगाजल झलकावै ||
रे भइया इसको नमन करें ||
छ:ऋतुएं अप्सरियों- सी सतरंगी साड़ी पहने |
नर्त्तन करतीं आतीं पहने नव फूलों के गहने ||
रे--------------------------||
फूलों की घाटियॉ खगों के कलरव से भर जातीं |
गाते मेघ मल्हार ; कोकिला पंचम स्वर में गाती ||
रे------------------------------||
गेहूँ की बालियॉ ज्वार मक्का के दाने झरते ||
खेतों में रंगों -गंधों के वैभव सपने भरते ||
रे-------------------------||
पर्वों की धरती यह -होली फाग सुनाती आवै |
दीपो की माला से अम्बर को ललचाती जावै ||
रे----------------------------- || राष्ट्र को समर्पित
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