भारती माँ भारती माँ भारती ;माँ भारती |
हम उठाएँ सूर्य मस्तक पर-हमें तेरी शपथ है |
हम उठाएँ हिम-शिखर भुज-दण्ड में -तेरी शपथ है ||
हम करें भ्रूभंग नभ हो त्रस्त ; गर्जन शांत करले |
हम बढ़े तो सिर झुका - सागर विनय का मौन धर ले |
फूल तारे अहर्निश तेरी उतारें आरती |
भारती माँ भारती माँ भारती ;माँ भारती ||
चेतना नूतन भरे .संकल्प से मन दीप्त कर ले |
वज्र- सा सीना करें हम धमनियों में लौह भर ले |
सतत आगे बढें .शांति-विकास का हो लक्ष्य नूतन |
एक हो सारी धरा सहभागिता का करें वन्दन ||
विजयश्री मणिमाल . मोती हीरको को वारती |
भारती .माँ : भारती :माँ भारती : माँ भारती राष्ट्र को समर्पित | 68वे स्वतंत्रता दिवस का अभिनंदन
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