रविवार, 10 अगस्त 2014

asmita

68वां स्वतन्त्रता दिवस -इस बार  भारत 68वां स्वतन्त्रता दिवस मनाने जारहा है | दस वर्षो बाद कुछ नया दिखेगा | लाल किले से प्रधान मंत्री मोदी ध्वजा रोहण करेगें || लगता  है इस बार भारतीय संस्कृति का तिरंगा लहरायेगा | तिरंगा  भारत की  अस्मिता का प्रतीक है | इसमे केसरिया  रंग तेजस्विता का प्रतीक है | हरा रंग हरियाली का प्रतीक है  ; खुशहाली का प्रतीक है श्वेत रंग शान्ति का प्रतीक है |चक्र प्रगति का प्रतीक है || इस बार लाल किले से इस बात का मूल्यांकन होगा कि 68वर्षो में हमने कितनी  प्रगति की है ? भविष्य के लिए कुछ संकल्प होंगे यह आवश्यक भी है क्योकि भारत को नये संकल्पों के वितान की आवश्यकता है  | आशा हैैं कि एक बार फिर  लाल किले से विवेकानंद की स्वर लहरी गूँजेगी | भारत और भारतीय संस्कृति  का उज्ज्वलतम रुप विश्व के मानचित्र पर अंकित होगा |दस वर्षो के बाद भारत एक बार फिर अँगड़ाई ले रहा है || जनमानस  को नयी सरकार से बहुत उम्मीद है | आज आम आदमी यह चाहता है कि उसे यह लगे कि वह  ऐसे वास्तविक रूप से स्वतंत्र है  || हमने राजनैतिक स्वतन्त्रता तो प्राप्त कर ली  लेकिन  मानसिक दासता से   अभी स्वतन्त्र नही है |  माननीय प्रधानमंत्री से ऐसी आशा है कि वह् भारत को इस दासता से  मुक्ति दिलायेंगे || भारत -स्वाभिमान का यह तिरंगा लहर -लहर कर  कहे कि मेरी अपनी संस्कृति है  "अपनी भाषा है  इसके साथ कोई समझौता नही | तिरंगा हमारा मान है शान है वैख्ररी का भाव कुछ इसी प्रकार से है यह भाव हमारी  प्रेरणा  है  - 'चेतना से मन जगमगाते रहो तुम              
                भारती का कण -कण जगाते रहो तुम ||
 भावो  की लहरे  उठती रहेगी  जो राष्ट्र  को समर्पित रहेंगी |

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