रविवार, 3 अगस्त 2014

mitrta

मित्रता एक सात्विक भाव है जो मानस सागर की गहराइयों से उठकर  मस्तिष्क के आकाश का स्पर्श करता है आज ऐसा भाव कम देखने को मिलता है आज मित्रता का आधार स्वार्थ है या वासना | राम ने वनवास के समय पशु पक्षी  नर वानर सब उनके थे |मित्रता के इसी भाव से कृष्ण अर्जुन के सारथी  बने  सुदामा के चरण अश्रु जल से धोये  मित्र भाव ने चावल के दाने पर सारा सुख दे दिया  द्रौपदी को सखी  माना और उसकी लाज बचाई | मित्र की परख कष्ट की कसौटी पर ही होती है विश्व मित्रता दिवस पर यही कामना है कि सारी वसुधा एक परिवार बन जाए | सभी मित्रों को  नमन 

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